Aalhadini

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The Train... beings death 7

 तब कदंब ने पूछा, "डॉ शीतल आपके स्टाफ ने बताया कि कोई बहुत ही बड़ी टेंशन है आपको..!" 
शीतल ने एक नजर इंस्पेक्टर पर डाली और फिर वापस अपनी परेशानियों में खो गई। दोबारा पूछने पर डॉक्टर शीतल ने बोलना शुरू किया...

"इंस्पेक्टर साहब आप तो जानते ही हैं.. हमारे शहर और आसपास के छोटे शहरों की क्या हालत है.. आजकल एक और नई बीमारी और आ गई हैं जिसके कारण लोगों की जान जाने लगी है.. और अभी तक हमें उसके बारे में बिल्कुल भी जानकारी हाथ नहीं लगी है। हम जहाँ से भी उसके बारे में रिसर्च शुरू करते हैं घूम फिरकर  वापस ज़ीरो पर ही पहुंच जाते हैं।"

 सब-इंस्पेक्टर नीरज ने कुछ ज्यादा ही हल्के में लेते हुए कहा, "तो क्या हुआ.. डॉक्टर शीतल... कुछ बहुत ही ज्यादा सीरियस है क्या.. ऐसा भी क्या हो गया.. जो आप इतनी टेंशन में है..?? कभी-कभी हो जाता है कि सही चीज पकड़ में ना आए..पर देर सवेर आ ही जायेगी सामने।"

डॉक्टर शीतल ने नीरज को घूर कर देखा तो नीरज थोड़ा सकपका गया और इधर उधर देखने लगा। इंस्पेक्टर कदंब ने शीतल की तरफ देखते हुए कहा, "सॉरी डॉक्टर.. आजकल इतनी टेंशन है कि हर बड़ी बात भी छोटी लगने लगती है। आप नीरज की बात पर ध्यान ना दें.. आप बताइए ऐसा क्या सीरियस मैटर है..??"

 डॉ शीतल ने कहना शुरू किया, "आजकल एक बहुत ही ज्यादा अजीब सी बीमारी अधिकतर लोगों को घेर रही है.. जिसमें सबसे पहले उनके शरीर पर एक मकड़ी के काटने जैसा निशान दिखाई देने लगता है..!"
 शीतल बता ही रही थी.. तभी नीरज ने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा, "माफी चाहूंगा.. डॉक्टर मगर... अगर आप बता दें कि मकड़ी के काटने का निशान किस तरह का होता है.. तो शायद कुछ और जानकारियां भी मिल पाए..!!"

 शीतल ने अबकी बार लंबी सांस भरी और फिर बताना शुरू किया, "आमतौर पर मकड़िया जिस जगह काटती है.. वहां छोटे-छोटे बहुत से दाने निकल आते हैं.. जिनका आकार देखने में मकड़ी जैसा ही दिखाई देता है। लोगों के शरीर पर सबसे पहले उसी तरह के दाने निकलने शुरू हुए हैं.. उसके बाद पूरे शरीर पर जलने के निशान जैसे तेल से जले हो.. ऐसे निशान और फफोले दिखना शुरू हो गया है.. धीरे-धीरे वह निशान लोगों के पूरे शरीर पर दिखाई देने लगे हैं.. और वह निशान लोगों को अंदर ही अंदर खोखला कर रहे हैं।  जिनके कारण उनकी मौतें हो रही हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी कुछ भी पता नहीं चल रहा है। केवल यह पता चला है कि कुछ अजीब से कीड़ों के काटने के कारण.. यह सब कुछ हो रहा है।  पर अभी तक जितने भी कीटों के ऊपर अध्ययन किया हुआ गया है.. यह उनमें से कोई भी नहीं है।  अभी तक हमें एक भी कीड़ा किसी भी डेड बॉडी से नहीं मिला है.. केवल उनके वेस्ट ही मिले हैं। जिससे यह पता चला है कि वह कोई अलग ही प्रजाति है। हमें भवानीपुर के आसपास के जंगलों में भी उस तरह की किसी प्रजाति का कोई भी अवशेष या जानकारी नहीं मिली है। सोचने वाली बात यह है कि यह सब कीड़े कैसे और कहां से आ रहे हैं..?"

 शीतल के बोलना बंद करते ही सभी के चेहरों पर बहुत ही टेंशन फैल गई थी। उस एसी कमरे में भी इंस्पेक्टर और नीरज के माथे पर पसीने की बूंदे चमक आई थी.. उसने शीतल से हड़बड़ाहट में पूछा, "डॉ शीतल.. क्या बता पाएंगे कि यह कीड़े किस तरह के हैं और इनका शरीर पर हमला किस तरह से हुआ है??"

 डॉ शीतल ने दो मिनट चुप रहने के बाद अपने आपको नॉर्मल करते हुए कहा, "इतना तो ठीक-ठाक नहीं पता है.. पर उन सभी लोगों को जिनके शरीर से इन कीड़ों का पता चला है.. उन लोगों में एक बात कॉमन रही है.. वह सभी लोग उस मनहूस स्टेशन के आसपास सुबह वॉक करने जाते थे।"

 स्टेशन का नाम सुनते ही इंस्पेक्टर कदंब और नीरज की आंखें और भी ज्यादा बड़ी हो गई। अभी उन्हें चिंकी के बारे में ही पता नहीं चला था.. उन्हें लगा कहीं उस छोटी बच्ची के साथ भी इन कीड़ों के कारण ही कुछ ना हुआ हो..

 उन्होंने फिर से डॉ शीतल से पूछना शुरू किया वह बहुत ही ज्यादा हड़बड़ा गए थे.. इंस्पेक्टर कदंब ने शीतल से पूछा, "डॉक्टर एक बात बताइए.. क्या यह कीड़े या जो भी बीमारी है.. यह लोगों को तुरंत ही इफेक्ट कर रही है या फिर कुछ समय के बाद इसके लक्षण दिखाई देते हैं।"

 इंस्पेक्टर की तरफ अजीब सी नजरों से देखते हुए शीतल ने पूछा, "क्या हुआ इंस्पेक्टर साहब.. कोई खास परेशानी..!!"

 सब इंस्पेक्टर कदंब ने चिंकी के बारे में उन्हें बताया..  चिंकी के बारे में सुनकर शीतल भी टेंशन में आ गई थी। उसे भी छोटी बच्ची की चिंता होने लगी थी.. पर तभी नीरज ने पूछा, "डॉ शीतल एक बात बताइए.. कल जो रात को सैंपल आए थे.. आप को उनके बारे में क्या कहना है..??"

 डॉ शीतल ने हैरान होते हुए पूछा, "कल रात को.. सैंपल..  न..नहीं.. 1 मिनट रुको.. मैं पता करती हूं..??" ऐसा कहकर डॉ शीतल ने बाहर किसी से बोलकर उनके असिस्टेंट रोहित को अंदर बुलवाया।

 उन्होंने रिसेप्शन पर फोन करके कहा, "रोहित को आप जल्दी से मेरे केबिन में भेजिए.. और 4 कप कॉफी भी जल्दी भेज दीजिएगा..!" ऐसा कह कर उन्होंने फोन रख दिया।

  कदंब ने कहा, "कोई बात नहीं शीतल जी.. कॉफी की कोई जरूरत नहीं थी।"

 तब शीतल ने कहा, "कोई बात नहीं इंस्पेक्टर साहब.. वैसे भी आजकल जो घटनाएं घटने लगी हैं.. उन को देखते हुए.. कॉफी की इस समय बहुत ही ज्यादा जरूरत थी।"

 थोड़ी ही देर में रोहित ने दरवाजा नॉक किया तो शीतल ने उसे अंदर आने के लिए कहा। रोहित अंदर आया तो उसने वहां कदंब और नीरज को बैठे देखा.. उन्हें देखने के बाद रोहित के चेहरे पर थोड़े से परेशानी वाले भाव बढ़ गए थे।

 डॉ शीतल ने रोहित से कहा, "रोहित...! इंस्पेक्टर साहब.. कल रात वाले सैंपल्स के बारे में कुछ पूछ रहे थे।"

 रोहित ने बहुत ही टेंशन में जवाब दिया, "मैडम...सैंपल बहुत ही ज्यादा अजीब है.. मुझे नहीं लगता कि आप उन सैंपल्स की रिपोर्ट से कुछ भी पता कर पाएंगे..!!" 

रोहित का जवाब सुनकर  नीरज ने रोहित की तरफ कुर्सी बढ़ाते हुए उसे बैठने के लिए कहा, "बैठो नीरज.. हमें लगता है कि हमारी बातें काफी लंबी चलने वाली है..!"

 रोहित डॉक्टर शीतल की तरफ देखते हुए कुर्सी पर बैठ गया। जैसे ही वह उन सैंपल्स के बारे में बताना शुरू करने वाला था कि तभी एक प्यून कॉफी लेकर अंदर आ गया।

 उसने सभी को कॉफी  सर्व की और डॉ शीतल से पूछा, "मैडम कुछ और चीज की जरूरत तो नहीं..?" शीतल ने मना करते हुए उसे जाने के लिए कहा।

 जब वह प्यून वापस चला गया तब नीरज ने कॉफी का कप उठाते हुए.. रोहित से पूरी बात विस्तार में बताने के लिए कहा। रोहित ने बोलना शुरू किया..

 "इंस्पेक्टर वह जो सैंपल्स कल आए थे.. उनमें कुछ मांस के टुकड़े, खून, पंख, हड्डियां और एक कपड़े का टुकड़ा था..!"

 सभी ने रोहित की तरफ गौर से देख कर उसकी बात सुनना शुरू कर दिया.. सभी की ध्यान रोहित के एक-एक शब्द पर था। रोहित ने फिर से बोलना शुरू किया।

 रोहित ने कहा, "मांस के टुकड़े.. किसी आदमी के थे.. जिसकी उम्र लगभग 40 के आसपास रही होगी। वह सफेद कपड़े का टुकड़ा.. उस पर उसी आदमी का खून मिला है जिसके मांस के वो टुकड़े थे। उस कपडे पर लगे खून में किसी को कुत्ते का भी खून मिक्स था। हड्डियां.. किसी जानवर की थी.. मेरे विचार से वह हड्डियां किसी बिल्ली की थी पर जाँच के हिसाब से वो किसी बिल्ली की ही प्रजाति के जानवर की थी। जिसके बारे में आपको डिटेल्स उस रिपोर्ट में मिल जाएंगी।  और हाँ.. जो खून मिला था.. उसमें कुत्ते, बिल्ली, इंसान और चमगादड़ का डीएनए मिला है.. और सबसे ज्यादा चौका देने वाली बात यह सामने आई है.. कि उसमें एक सलाइवा जैसा अंश भी मिला है.. पर वह सलाइवा किसी भी जानवर या पक्षी का नहीं है..!!"

 सभी लोग रोहित की बात सुनकर बहुत ही ज्यादा हैरान-परेशान हो गए थे। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि इस बात का क्या मतलब है की वह सलाइवा किसी जानवर या पक्षी का नहीं था।  

डॉक्टर  शीतल ने रोहित से पूछा, "रोहित इस बात का क्या मतलब है कि वह सलाइवा किसी जानवर या पक्षी का नहीं था..??"

 तब रोहित ने आगे कहना शुरू किया, "मैडम..! कल से मैं खुद भी इसी बात को लेकर परेशान हूं.. कि मैंने हर तरह के पशु, पक्षी.. सबके जिनोम सीक्वेंस स्टडी किए.. कल रात से ही मैं उसी में लगा हूं.. पर उस सलाइवा में पाया गया सीक्वेंस किसी भी जीवित या मृत प्राणी से नहीं मिल रहा है..!!"

 यह सुनकर वहां बैठे हर एक आदमी के चेहरे से हवाइयां उड़ गई थी। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि ऐसा कैसे हो सकता है??  कि किसी चीज के बारे में कोई नॉलेज ही ना हो?? अभी अभी ही उन लोगों को ऐसे दो जीवो के बारे में पता चला है..  जिनके बारे में एक्सपर्ट के पास भी कोई जानकारी नहीं थी।

 डॉ शीतल के चेहरे के भाव और भी ज्यादा गहरे हो गए थे। वह बहुत ही ज्यादा गहन सोच में डूब गई थी। रोहित के चेहरे पर जहां अजीब सी बेचैनी दिखाई दे रही थी। वही नीरज के चेहरे पर थोड़ा डर और असमंजस के भाव दिखाई दे रहे थे।  नीरज को कल रात वह धुआं इकट्ठा होने वाली बात याद आ गई थी.. और इंस्पेक्टर कदंब के चेहरे पर अजीब से एक्सप्रेशन दिखाई दे रहे थे। उन्हें भी कल रात सड़क पर हुआ वाकया याद आ गया था।

 वहां उस कमरे में अचानक से सन्नाटा छा गया था.. केवल घड़ी की टिक.. टिक.. टिक.. ही सुनाई दे रही थी। सभी लोग एकदम शांत थे.. किसी को भी कुछ नहीं सूझ रहा था कि इस बात पर कैसे रिएक्ट करें.. क्योंकि जितना वह लोग सोच रहे थे। समस्या उससे कहीं ज्यादा बड़ी और विकट थी।

 क्रमश:...

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5 Comments

😂वाह क्या बीमारी है! सच में आपकी कल्पना बहुत ऊँचा उड़ रही है। 👏👏 सब कुछ आपने काफ़ी बारीकी से लिखा है, ऐसा लग रहा था, मानो सब कुछ एक मूवी की तरह चल रहा हो, आँखों के सामने! अब देखते है अगला रोमांचक भाग भी।😇 बस आप गलती से रोहित की जगह नीरज का नाम कुछ जगह लिख दी है इस भाग में, उसे एडिट कर लीजियेगा।

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Aalhadini

23-Mar-2022 11:31 PM

Thanks geeta ji🙏

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Sana khan

01-Sep-2021 06:02 PM

Bahut achii kahani hai

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🤫

06-Aug-2021 05:46 PM

इंट्रेस्टिंग कहानी..... एक सस्पेंस के साथ भाग खत्म किया ....

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Aalhadini

12-Aug-2021 03:26 PM

Thanks 😊 🙏

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